यूँ तो दोस्ती का रिश्ता होता है कुछ खास ।
यूँ ही नहीं होता हर किसी पे वो विश्वास ।।
दोस्तों के बिना ज़िन्दगी होती है अधूरी ।
मिल जाये जिन्हें ऐसे दोस्त ।।
हो जाती है उनकी ज़िन्दगी पूरी ।
दोस्तों के संग किसी की मुस्कान ,किसी की नाराजगी को हम हंसी में उड़ाते हैं |
तो कभी खुद की ही गलतियों को उनके सामने गिनाते हैं
अगर हो जाये कभी तकरार हम दोस्तों में |
जाकर खुद ही हम , फिर उन्हें मनाते हैं ||
हर मोड़ पर दोस्त मिलते हैं - बिछड़ते हैं |
पर दोस्ती रह जाती है ताउम्र भर ||
हम मिले न मिले आगे किसी मोड़ पर |
बस वो यारी रह जाती है उनकी ,एक प्यारी याद बनकर।।
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